江行七日阻风至繁昌,舍舟出陆二首
宋代 - 杨万里
山行辛苦水行愁,只是诗人薄命休。
管取如今遵陆了,云开风顺水东流。
宋代 - 杨万里
山行辛苦水行愁,只是诗人薄命休。
管取如今遵陆了,云开风顺水东流。
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