和昌英主簿叔社雨
宋代 - 杨万里
愁已春相背,诗仍债未还。
雨声宜小睡,竹户且深关。
梦钓鸥边雪,衰忘镜里颜。
起来聊觅句,句在眼中山。
宋代 - 杨万里
愁已春相背,诗仍债未还。
雨声宜小睡,竹户且深关。
梦钓鸥边雪,衰忘镜里颜。
起来聊觅句,句在眼中山。
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